जिला अस्पताल में इलाज के लिए रुपये मांगने पर देर रात हुआ हंगामा !

जिला चिकित्सालय गोरखपुर में कल रात हुए हाईवोल्टेज ड्रामा पर पर्दा डालने की कोशिश में जिम्मेदार लगातार हाथ पैर मारते रहे । इतनी कसरतों के बाद भी हासिल कुछ नही हुआ और सारा माजरा तथा माजरे से संबंधित वीडियो सिस्टम वेबसाइट मीडिया तक किसी ने पहुँचा दिया । पता चला है कि जिला अस्पताल की इमरजेंसी में कार्यरत कर्मचारी विकास पर नए अधीक्षक साहब डॉक्टर सुमन फिर से मेहरबान हो गए हैं । जिला अस्पताल से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों के हाथों बेचने के मामले में इसी कर्मचारी विकास पर गाज गिरी थी और इसकी कुछ महीनों पहले यहाँ से छुट्टी कर दी गई थी । नए अधीक्षक डॉक्टर सुमन साहब आये तो इस विकास की बगिया में फिर से अरमानों के सुमन खिल उठे और ये वापस फिर से इमरजेंसी में काम करने लगा । रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे गंभीर हालत में पहुँचे एक मरीज को भर्ती करने तथा इलाज करने के नाम पर विकास ने अपनी आदत अनुसार मरीज के परिजनों से ढाई हजार रुपया मांगा । रुपये न देने पर मरीज के इलाज में हीला हवाली की जाने लगी, जिसके बाद मरीज के परिजन आक्रोशित हो गए और बवाल काटना शुरू कर दिया । वीडियो में सुनाई दे रहा है कि इमरजेंसी में ड्यूटी पर कार्यरत जिम्मेदार बड़ी बेहयाई से कह रहे हैं कि रुपया मांगा है लेकिन आपने दिया तो नही है न । मतलब रुपया दे देते तो इलाज हो जाता ! वाह रे बेहयाई ? बताया जा रहा है कि रुपये नही मिले तो मरीज को रेफेर कर दिया गया । दूसरी तरफ जिला अस्पताल में एकबार फिर से विकास की हुई वापसी ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या फिर शुरू हो चुका है जिला अस्पताल से मरीजों को बेचने का सिलसिला ?

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