गोरखपुर : यू पी पुलिस की जांबाजी का एक किस्सा चर्चा से बाहर होता नही कि फिर कोई नई जाबांजी का किस्सा चर्चा बटोरना शुरू कर देती है । अभी हाल ही में यू पी पुलिस की कट्टा तथा गांजा बरामदगी के तमाम वीडियो सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोर ही रहे थे कि बलिया का वसूली कांड जबरदस्त चर्चा में आ गया । अब खबर है कि भरी अदालत में जज को अपशब्द बोलकर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की कार्यवाही का सामना कर रहे गोरखपुर एम्स थाने के थानेदार संजय सिंह की हरकतों से कल रात कूड़ा घाट में लॉ एंड आर्डर बिगड़ने तथा बवाल होने की स्थिति पैदा हो गयी । पीड़ितों द्वारा बताया जा रहा है कि गाड़ी हटाने की छोटी सी तू तू मैं मैं की घटना को थानेदार साहब ने अपनी दबंगई दिखाते हुए नियंत्रित करने की कोशिश की और रात लगभग एक बजे भारी फ़ोर्स इसराइल अंसारी के घर भेज दिया ।
बताया जा रहा है कि चौदह पंद्रह की संख्या में पहुँचे पुलिस वालों ने घर मे सो रहे सत्तर वर्षीय महिला बुजुर्ग को बुरी तरह पीटा, छोटे बच्चों को लात मारकर जगाया और महिलाओं से अभद्रता की । यहाँ तक घर मे सो रहे एक नौजवान को बाहर घसीट कर लाये और पिस्टल सटाकर एनकाउंटर करने की ठीक वैसी ही धमकी देने लगे जैसा कुछ दिन पहले एक व्यापारी का माल लूटकर उसे एनकाउंटर की धमकी देते हुए गोरखपुर के एक दरोगा ने भगा दिया था । समुदाय विशेष का मामला होने के नाते जबरन दबंगई के इस मामले को लेकर जब मौके पर भीड़ इकट्ठा होने लगी तो पुलिसवाले वीडियो में भागते हुए दिखाई दिए । पीड़ितों का कहना है कि रात के एक बजे नशे में धुत्त होकर घर मे घुसे पुलिसवालो ने घर के लड़के आजाद को बड़ा अपराधी बताते हुए तांडव करना शुरू कर दिया जबकि आजाद पर कभी कोई मुकदमा नही लिखा गया है । तो क्या थानेदार साहब बताएंगे की रात के एक बजे इतनी फ़ोर्स किस मगरमच्छ को पकड़ने के लिए भेजा था । पीड़ितों ने बताया है कि आजाद पर कभी कोई मुकदमा दर्ज नही हुआ । वह सऊदी में काम करता है और आजकल छुट्टियों में घर आया हुआ है ।
उधर थानेदारी की आड़ में फर्जी मामला बनाने में माहिर थानेदार साहब कहते हैं कि कल रात लगभग साढ़े आठ बजे आजाद पर हत्या के प्रयास का मुकदमा लिखा गया है । अब मुकदमा साढ़े आठ बजे लिखा गया है थानेदार साहब तो रात एक बजे घर पहुँचे पुलिसवाले, घर के लोगो के सवाल पूछने पर कोई जवाब क्यों नही दे पा रहे हैं ? मुकदमा यदि आजाद पर दर्ज था तो वीडियो में ऐसा क्यों दिखाई दे रहा है कि पुलिस कोई भी जवाब देने की बजाय चुपचाप वहां से निकल जा रही है । खैर छोड़िये, जब आप जज के खिलाफ थाने की जी डी में फर्जी तस्करा डाल सकते हैं तो फिर ये तो आम लोग हैं, इनकी क्या औकात !
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