सिस्टम वेबसाइट मीडिया पर झोलाछापो कर खिलाफ चलाई गई मुहिम “झोलाछाप को पहचानो” के बाद अब तक ताबड़तोड़ कई झोलछापों के अवैध अस्पतालों को प्रशासन द्वारा सील किया जा चुका है । अब तक गोरखपुर के झोलाछाप त्रिभुवन के गोल्ड हॉस्पिटल के साथ ही करजहाँ में गर्भपात का अड्डा कहे जाने वाले माँ दुर्गा क्लिनिक को सील किया जा चुका है । झोलछापों ने बार बार की खबरों और छापेमारियों से तंग आकर बॉर्डर एरिया को अपना ठिकाना बनाना शुरू कर दिया था लेकिन खबर प्रसारित होने पर विवरण जुटाने पहुँची महराजगंज की टीम ने गोरखपुर महराजगंज बॉर्डर पर संचालित अपोलो हॉस्पिटल को भी सील कर दिया गया । सूचना मिली थी कि यह अस्पताल भटहट के सत्यम हॉस्पिटल के संचालक रंजीत द्वारा संचालित करवाया जा रहा था । इसी क्रम में आज आगे की कार्यवाही करते हुए कुशीनगर प्रशासन ने भी गोरखपुर कुशीनगर बॉर्डर पर स्थित झोलाछाप सी के दास के बालाजी हॉस्पिटल को भी सील कर दिया । सी के दास पर सी एम ओ कुशीनगर द्वारा मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है क्योंकि सी के दास द्वारा रजिस्ट्रेशन के लिए लगाए गए शपथ पत्र जाँच में फर्जी पाए जाने की सूचना मिली है । सी के दास के बालाजी हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन में भी आर.टी.आई. माफिया वीरेंद्र राय की भूमिका सामने आई है । पता चला है कि पिछली बार टीम के छापे के दौरान वीरेंद्र राय ने अधिकारियों के काम मे बाधा पहुंचाने की कोशिश की थी । अधिकारियों द्वारा सख्त तेवर अपनाये जाने के बाद वो वहॉं से भाग निकला था। दूसरी तरफ छापे तथा सील की कार्यवाही से घबराए भटहट के झोलाछाप जितेंद्र ने अपने अवैध वैष्णवी हॉस्पिटल का बोर्ड उतार दिया है ।
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