सूत्रों के हवाले से ज्ञात हुआ है कि लखनऊ स्थित सरकारी विभागों में इन दिनों दलालों का बोलबाला है। टेंडर मैनेज कराने का झांसा देकर ठेकेदारों से वसूली की जा रही है। सूत्रों का दावा है कि पीडब्लूडी,सिंचाई,आरईएस,समाज कल्याण,सीएनडीएस समेत लगभग सभी सरकारी दफ्तरों में संगठित तौर पर दलालों का गैंग सक्रिय हैं। दिलचस्प बात यह है कि दलालों का यह गैंग पहले खुद को विभागीय मंत्री और प्रमुख सचिव का चहेता बताकर लोगों को अपने झांसे में लेता है और बाद में ठेका दिलाने के नाम पर उनसे पैसे ऐंठ लेता है। इतना ही नहीं टेंडर मैनेज नहीं होने पर विभाग के अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाते हैं। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सरकारी विभाग के एक अधिशासी अभियंता ने बताया है कि टेंडर दिलाने की एवज में ठेकेदार से पैसा वसूलने के बाद दलालों का यह गैंग अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाया करता है।
मना किए जाने पर सत्ता पक्ष से जुड़े राजनैतिक दलों के नेताओं के पैड का बेजा इस्तेमाल करके उन पर भ्रष्टाचार का फर्जी आरोप लगाया जाता है। हैरानी की बात यह है कि पश्चिमांचल से लेकर पूर्वांचल तक दलालों का यह गैंग सक्रिय है। फिलहाल टेंडर मैनेज कराने का झांसा देने के मामले में इन दिनों दलाल गैंग का एक चर्चित नाम प्रशांत त्रिपाठी (बदला हुआ नाम) सुर्खियों मे है। सूत्रों का दावा है कि पेशे से अर्किटेक्ट प्रशांत त्रिपाठी भी खुद को कई प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों का चहेता बताकर विभागीय अधिकारियों पर टेंडर मैनेज करने का दबाव बनाया करता है। सूत्रों के मुताबिक लखनऊ स्थित सरकारी विभागों से विकास कार्यों के टेंडर की जानकारी हासिल करने के बाद प्रशांत द्वारा ठेकेदारों को टेंडर दिलाने का झांसा देकर उनसे पैसे लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाया जाता है। हैरानी की बात यह है कि इन दलाल किस्म के लोगों के मददगार के तौर पर सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ नेता और कुछ चुनिंदा पत्रकार भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद भी सरकारी विभागों में दलाल किस्म के लोगों का प्रवेश बदस्तूर जारी है। फिलहाल सूत्रों के हवाले से लिखी गई इस खबर के माध्यम से विभागों में सक्रिय दलाल किस्म के ऐसे लोगों से सचेत रहने की लोगों से अपील की जाती है। साथ ही सरकार और विभाग के अधिकारियों की छवि धूमिल करने वाले इन बेखौफ दलालों की शिनाख्त करने के साथ ही उन पर सख्त कार्रवाई की भी अपील सीएम योगी से की जाती है।