Subscribe Us on

वरिष्ठ पत्रकार तो बहुत सुने होंगे, अब सुनिए एक गरिष्ठ पत्रकार को भी !

कुछ दिन पहले आपने एक पोस्ट पढ़ी होगी कि खुद को गरिष्ठ पत्रकार बताकर प्रेस क्लब के इर्द गिर्द मंडराने वाला आदर्श श्रीवास्तव उर्फ (अल्पराजोलाम मैन) एक रिश्वतखोर को ट्रैप करा कर जेल भेजवाने की वजह से हमसे अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा था । क्योंकि वो रिश्वतखोर इस नशेड़ी का रिश्तेदार था । टेबलेट के नशे में डूबे रहने वाले इस गरिष्ठ पत्रकार ने कल मुझ पर मुकदमा दर्ज होने पर पार्टी मनाई और जमकर अफवाहें उड़ाई । इसे इतनी खुशी मिल गयी थी कि ये अपनी खुशी को पचा नही पा रहा था, इसलिए अभी कुछ देर पहले इसने अफवाहों का बाजार फिर से गर्म करना शुरू किया । पहले सुनिए ये ऑडियो…

कहते हैं कि करिया होना बुरा नही है लेकिन कौए जैसा करिया होना बहुते बुरा है ! आपने रिकॉर्डिंग में सुना कि ये कौव्वा, महिला जिला अस्पताल की जगह कह रहा है कि महिला ने मुकदमा दर्ज कराया है, और तो और ये उस महिला से मिलने भी जा रहा है । दूरदर्शन की छत पर बैठा ये कौव्वा रिकॉर्डिंग में यह भी कह रहा है कि मैं 2 घंटे में गिरफ्तार होकर आ रहा हूँ और तो और यह खरबूजा यह भी कह रहा है कि कोर्ट में मुझपर 4 करोड़ की मानहानि भी ठोक रखी है । अब ऐसी अंडबंड बातें तो वही कर सकता है जो टेबलेट के नशे में हो या फिर उसकी खोपड़ी में केमिकल लोचा हो । सूत्रों ने जब बताया था कि यह 24 घंटे टेबलेट के नशे में रहता है तब मैंने यकीन नहीं किया था लेकिन इन महाराज की आज रिकॉर्डिंग सुनकर ये साबित हो गया कि ये जानबूझकर ईर्ष्यावश झूठी अफवाहें फैलाकर मेरे विरुद्ध साजिशों को अंजाम दे रहा है । इस फिरकीचन्द को यह भी नही मालूम कि जिला अदालत में करोड़ की मानहानि नही ठोकी जाती बल्कि यह हाइकोर्ट में की जाती है । कानून का ककहड़ा तक से जिसका आजतक पाला नही पड़ा उस नशेड़ी का ज्ञान विज्ञान सुनकर आज मैं भी स्तब्ध हूँ

ये कौव्वा परमेश्वर के लाठी की बात कर रहा है और यह भी नही समझ पा रहा कि परमेश्वर किसके साथ है । तुझ जैसे हजारों अफवाही बेईमान और दलालों से आज मैं पिछले पाँच सालों से अकेला लड़ रहा हूँ और फिर भी जिंदा हूँ और तुम जैसों हजारों पर जयवंत भी हूँ । जानता है क्यूँ ? क्योंकि मैं सत्य पर हूँ और मेरा ये युद्ध और मुकदमा मैं नही, बल्कि मेरा परमेश्वर लड़ता है । चलो अब यह झूठी अफवाहें तुम मेरे बारे में फैला ही रहे हो तो मैं तुम्हे एक मौका दे रहा हूँ कि आओ अदालत में । इस रिकॉर्डिंग को रखा जाएगा तब पता चलेगा कि मानहानि किसने किसकी की है । मैं आज तक इस करैक्टर को इसलिए इग्नोर कर रहा था ताकि ये नशामुक्ति केंद्र से अपना इलाज करा सके लेकिन लगता है इसका इलाज कानून और कचहरी ही कर सकता है क्योंकि इसकी बीमारी अब असाध्य रोग में परिवर्तित हो चुकी है ।

Related Post