सत्येंद्र को हाईकोर्ट से फिर राहत, ट्वीटर पर हिंदुस्तान अखबार को घेरा !

जिला अस्पताल गोरखपुर में फैले आकंठ भ्रष्टाचार का खुलासा कर सनसनी मचा देने वाले गोरखपुर के खोजी पत्रकार सत्येंद्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिर से एक बार राहत देते हुए पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगा दी है । खोजी पत्रकार सत्येंद्र ने हिंदुस्तान अखबार को टैग करते हुए “एक्स” पर लिखा है कि… “मेरे खिलाफ फर्जी तहरीर पर लिखे गए मुकदमे को वैश्विक हैडलाइन बनाकर छापने वाले गोरखपुर हिंदुस्तान अखबार के दलाल पत्तलकार, क्या इस मुकदमे के खिलाफ दिए गए हाइकोर्ट के फैसले को भी अपने “कबाड़ अखबार” में छापेंगे… या यूँ ही जूठन और दलाली पर पलते रहेंगे”?

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https://x.com/gabbar3356531/status/1840675296535540148?t=qGWhAhts5KT1MosMbCsoTQ&s=19

सत्येंद्र कुमार ने भ्रष्टचारियों और पत्रकार महानुभावों को संदेश देते हुए अपने फेसबुक वाल पर लिखा है कि “याद रखिये कि जब भी कोई इस भ्रष्ट सिस्टम की मुख़ालफ़त करेगा तब मुकदमे झेलना, घास की रोटी खाने पर मजबूर होना, या किसी के फेंके पत्तल चाटकर जीना अपमान नही बल्कि स्वाभिमान कहलायेगा । ये स्वाभिमान मजबूरी नही बल्कि शौक़ है जिसे मैंने खुद चुना है । हाँ ये जरूर है कि जो भी कोई फर्जी मुकदमे मुझ पर लादेगा या लदवायेगा,उसपर भी मुकदमे लादे जाएंगे, क्योंकि कानून किसी एक के बाप की जागीर नही है ! सरकारी खामियों पर नजर रखना ही एक पत्रकार का काम है और मैं वही कर रहा हूँ जो भाँड मीडिया नही कर रही । मीडिया को वाच डॉग इसलिए कहा गया है कि वह कुछ भी अप्रत्याशित देखने पर भौंकने लगता है । लेकिन आज गोदी मीडिया के पास पैसा है, प्रमोशन है, गाड़ी है, घोड़ा है,रुतबा है,घर है,सब है… बस भौकने की आजादी नही है । इसलिए सनद रहे कि मैं जूठन चाट कर पलने को तैयार हूँ लेकिन आपकी गोद मे बैठकर दुम हिलाने को नही । मजबूरी में जी सकता हूँ, पत्तल चाट कर जी सकता हूँ, झेल सकता हूँ, लड़ सकता हूँ, हरा सकता हूँ पर गोदी में नही बैठूँगा ..चलूँगा तो अपने पाँव से ही !

लेखक हेमंत पांडेय शिव सेना (शिंदे गुट) महाराष्ट्र राज्य के राजनीतिक पदाधिकारी हैं

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