गोरखपुर प्रेस क्लब में फिर दिखाई दे रहे हैं जूतम पैजाऱ के प्रबल आसार !

कहा जाता है कि यदि कलम की ताकत  गिरवी न रखी गयी हो तो वो हर जुल्म का सीना चीर सकती है लेकिन यहां कलम चलाने वाले, कलम की गर्दन कलम कर, कलम को ही नीलाम कर चुके है । ख़ैर, आज यह बताना है कि चुनाव का मौसम तो है नही, लेकिन बग़ैर चुनावी मौसम के ही गोरखपुर प्रेस क्लब में फिर से जूतम पैजार की संभावना बढ़ती दिखाई दे रही है। प्रेस क्लब के कुछ वर्तमान पदाधिकारियों की माने तो प्रेस क्लब की गरिमा मिट्टी में मिलाने की पुरजोर कोशिश शुरू कर दी गई है । अब ये प्रेस क्लब में गरिमा कौन है भाई, पहले तो कभी दिखी नही ?

यहाँ प्रेस क्लब में पत्रकारों की कई प्रजातियाँ विद्यमान हैं । मान्यता प्राप्त पत्रकार, बड़े पत्रकार, छोटे पत्रकार,मझौले पत्रकार,अमीर गरीब पत्रकार,चरणों में लेटे हुए, चरणों में बैठे हुए पत्रकार,चमचा पत्रकार, दलाल और मुखबिर पत्रकार, भौकाली पत्रकार, कार्ड वाले बिना कार्ड वाले पत्रकार, सूचना विभाग के Di सर की पिक वाले पत्रकार, पुलिस जी के साथ पिक वाले पत्रकार, डग्गामार पत्रकार और अंत मे टीशर्ट वाले पंचर मेड टाइप पत्रकार आदि आदि ।

एक कहावत है कि “अंधो में काना राजा” और बताया जा रहा है कि इस कहावत की तर्ज पर अंधो के फौज की भर्ती प्रेस क्लब में शुरू कर दी गयी है । अपने विरोधियों को निपटाने के क्रम में पुराने लोगो की सदस्यता निरस्त की जा रही है । प्रेस क्लब के निर्वाचित पुस्तकालय मंत्री की तो पुस्तक ही छीन ली गयी है और उनकी सदस्यता समाप्त कर उन्हें पैदल भी कर दिया गया है । जिन्हें दो लाइन लिखने बोलने की तमीज नही, जो पंचर और तरकारी बेचने का धंधा छोड़कर थाने चौकियों की शुद्ध दलाली करने लगे हैं उन्हें भी प्रेस क्लब की सदस्यता से नवाजे जाने की तैयारी चल रही है, और साथ ही कई सालों से बतौर सदस्य काम कर रहे होनहार पत्रकारों के हाथ मे कटोरा थमाने की तैयारी भी पूरी कर ली गयी है । ये भी कह सकते हैं कि पंचर मेड टाइप, दारूबाज फटेहाल और विशुद्ध दलालों को प्रेस क्लब का सदस्य बनाकर अब उनके जरिये माल बटोरने की रणनीति तैयार की जा रही है तथा चिंतनशील बुद्धिजीवी पत्रकारों को हाशिये पर डालने की फील्डिंग शुरू कर दी गयी है । मतलब कि जो वास्तव में पत्रकार हैं उनका “सेवा में श्रीमान” करनें की तैयारी शुरू कर दी गयी है और जिन्हे पत्रकारिता का ड्रेस कोड तक पता नही, उन अदरक जैसी पर्सनालिटी वाले टी शर्ट धारी काले कौवों को प्रेस क्लब की सदस्यता दी जा रही है । एक पदाधिकारी द्वारा बताया जा रहा है कि सदस्यता की इस रेस में पंचर की दुकान से रिटायर हुआ एक काला कौव्वा इस समय लंबी उड़ान भर रहा है । पहले इस कौव्वे की उड़ान नार्मल वाली दरगाह से शुरू होकर कोतवाली तक जाती थी, लेकिन अब यह कव्वा कोतवाली से दाना पानी चुग कर सीधा प्रेस क्लब की छत पर बैठने लगा है । जब (मारक..अंडे) साहब ने इस कव्वे को भी पालने की ठान ली, तब प्रेस क्लब के कुछ पदाधिकारियों ने इन कौव्वों को खदेड़ने का बिगुल फूँक दिया । इस मामले में एक बड़ी अपडेट जल्द ही खबर के रूप में आप सभी के सामने होगी क्योंकि हमारी खबरों से या तो कौव्वों का भला होगा या फिर कौव्वों में भाला होगा !

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