गोरखपुर : प्रेस क्लब के अंदरखाने में मचे घमासान के बीच गोरखपुर प्रेस क्लब के महामंत्री भूपेंद्र द्विवेदी ने “सिस्टम वेबसाइट मीडिया” से खुलकर बातचीत की है ।समस्या यह है कि “एको अहं, द्वितीयो नास्ति” सिद्धांत के आधार पर अनवरत गतिशील रहे “कण्डे बाबा” किसी की सुन ही नही रहे हैं । प्रेस क्लब का सदस्य बनने के लिए तमाम मानदंडों को पूरा करने वालों को सक्रिय पत्रकार भी होना आवश्यक है लेकिन पता नही कि कण्डे बाबा के मुख में स्वाति नक्षत्र में उपजे किस अमृत की बूंद गिर गई है कि चरणवंदन को ही अपने जीवन लक्ष्य का अभिनंदन समझने वाले औसत किस्म के पत्तलकारों को प्रेस क्लब की सदस्यता से नवाजे चले जा रहे हैं । सभी जानते हैं कि सिकंदर एक महान योद्धा और शासक था लेकिन बदकिस्मती से आज गली गली में सिकंदर हैं । एक “सिकंदर” तो ऐसा है कि अंगूरी के आगोश में डूबे रहने के कारण उसके साथ भीषण दुर्घटना घटी और नतीजा ये रहा कि आज मुँह के अंदर सिर्फ चम्मच भर जाने की जगह बची है । ख़ैर छोड़िये क्योंकि बाबा के आश्रम में कण्डे पर बना लिट्टी चोखा ही असल विवाद की जड़ है । कहते हैं कि “जहाँ पहुँचे लटकन वहां पहुँचे झटकन” ! इन हालातों में प्रेस क्लब के महामंत्री जी क्या फरमा रहे हैं वो भी सुन लीजिए !