गोरखपुर : अपने आपको बड़का पत्रकार बताकर अपने संस्थान का रौब झाड़ने वाले बड़का पत्रकारों की यदि जाँच कर ली जाए तो लगभग हर जिले में कोई न कोई कानपुर वाला ऐसा अवनीश दीक्षित जरूर निकल जायेगा जिसकी तनख्वाह बीस पच्चीस हजार होगी लेकिन उसके पास संपत्ति कई करोड़ की होगी । ऐसे ही एक सनसनीखेज मामले में आई नेक्स्ट अखबार के गोरखपुर प्रतिनिधि परमानंद मौर्या के खिलाफ एम्स गोरखपुर के एक इंटर्न डॉक्टर ने सीएम यूपी से लगायत सिस्टम वेबसाइट मीडिया को ईमेल अंग्रेजी भाषा मे भेजे हैं । सिस्टम वेबसाइट मीडिया को अब तक तीन ईमेल प्राप्त हु चुके हैं । ईमेल में पत्रकार परमानंद मौर्य को हार्ड कोर ब्लैकमेलर बताते हुए बतौर सबूत अलग से लगभग 13 मिनट की एक ऑडियो भी भेजी गई है । बताया गया है कि एम्स गोरखपुर के इंटर्न डॉक्टरों द्वारा कुछ दिन पहले की गई पार्टी को लेकर परमानंद मौर्या बार बार और भी खबरे छापने की धमकी देते हुए रुपयों की मांग कर रहे हैं। आरोपो की पुष्टि के लिए लगभग 13 मिनट की एक कॉल रिकॉर्डिंग जो भेजी गई है वो काफी हैरान कर देने वाली है । ईमेल पढ़ने के लिए नीचे लिखे complain शब्द पर क्लिक करें ।
कथित कॉल रिकॉर्डिंग में सुनाई दे रहा है कि “पत्रकार परमानंद मौर्या ने एम्स के एक इंटर्न डॉक्टर को फोन किया और पिछले दिनों एम्स के डॉक्टर्स की हुई पार्टी की फुल वीडियो मांगी । इसके बदले में इंटर्न डाक्टर को एम्स के होने वाली परीक्षा का पेपर परीक्षा से पहले ही उसे उपलब्ध करा देने का वादा पत्रकार साहब कर रहे हैं । कथित रिकॉर्डिंग में परमानंद मौर्या यह स्वीकार कर रहे हैं कि गोरखपुर एम्स के पूर्व डायरेक्टर के लड़के के एडमिशन में हुए घालमेल की खबर दबाने की एवज में उन्होंने पाँच लाख रुपये लिए थे । डॉक्टर पूछता है कि रुपये लेने के बाद भी खबर क्यो प्रकाशित कर दी तो पत्रकार साहब कहते है कि रुपये लिए थे तो एक दिन खबर दबा दी और जब बाकी लोगो ने लिखा तो फिर हमने भी छाप दी । फिर डॉक्टर मजाकिया अंदाज में गाली देते हुए कहता है कि अबे एक दिन खबर दबाने का पाँच लाख ?” भेजे गए कथित ऑडियो में आपस मे मजाकिया अंदाज में काफी गाली गलौज भी चलती हुई सुनाई दे रही है । इसके अलावा पत्रकारिता की आड़ में पत्रकारिता के ये बड़े धरोहर लोग और क्या क्या गुल खिला रहे हैं कुछ ऐसे भी तथ्य भेजे गए हैं । रिकॉर्डिंग प्राप्त होने के बाद सिस्टम वेबसाइट मीडिया ने ईमेल तथा रिकॉर्डिंग भेजने वाले डॉक्टर से इस संबंध में अपना एफिडेविट देने तथा अपनी सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए कहा है । एफिडेविट प्राप्त होने के बाद ही इस संबंध में प्राप्त कॉल रिकॉर्डिंग और तथा सम्पूर्ण प्रकरण पर विस्तृत खबर का प्रसारण संभव हो पायेगा । सिस्टम वेबसाइट मीडिया द्वारा इस संबंध में गोरखपुर आई नेक्स्ट कार्यालय के जिम्मेदार से भी प्रतिनिधि परमानंद मौर्या तथा उक्त सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई है । अंदरखाने में चर्चा है कि संस्थान आज परमानंद जी को परम आनंद की अनुभूति कराते हुए एक सम्मानजनक विदाई दे सकता है लेकिन वसूली का यह रैकेट मात्र परमानंद तक जुड़ा हुआ नही लग रहा है बल्कि बड़े अखबारों में हेल्थ बीट देखने वाले अन्य महान धुरंधर पत्रकारों के खिलाफ भी सबूत निकलकर सामने आने की गुंजाइश बनती दिखाई दे रही है ।