आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने तीन चार दिन पहले गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र में हुए सैफ के कथित “हाफ एनकाउंटर” पर सवालिया निशान लगाते हुए इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत भेजी है, साथ ही इस संबंध में मीडिया के लिए प्रेस नोट जारी करते हुए प्रेस नोट को सोशल मीडिया में सर्कुलेट भी किया गया है ।मानवाधिकार को भेजे गए शिकायत तथा प्रेस नोट में बताया गया है कि इस मामले में चिलुआताल थाने पर दर्ज एफआईआर संख्या 839/2024 के अनुसार सैफ द्वारा भागने के प्रयास में पुलिस पर फायरिंग किया गया और पुलिस की जवाबी फायरिंग में सैफ को गोली लगी और उसके पांव पर गन शॉट इंजरी आई । पुलिस के इस कथन के विपरीत अमिताभ ठाकुर को सैफ की कथित “मेडिकल रिपोर्ट” मिली है । इस रिपोर्ट के इंजरी संख्या 1 पर गन शॉट का एंट्री वुंड है, जिसमें साफ-साफ ब्लैकेनिंग अर्थात कालिमा लिखा है । गोली के घाव के सराउंडिंग कालिमा का सीधा अर्थ है कि अधिकतम 1 मीटर की दूरी पर फायरिंग की गई, जो थाने में दर्ज एफआईआर और पुलिस द्वारा मीडिया में जारी प्रेस नोट पर गंभीर सवालिया निशान पैदा करता है ।
सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि कथित मेडिकल रिपोर्ट को बदलवाने के लिए अंदरखाने में भरसक प्रयास किये गए थे लेकिन कोशिश कामयाब नही हुई ।
अपने अनुभव के आधार पर आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि पुलिस ने झूठी वाहवाही बटोरने के लिए सैफ को पकड़ने के बाद जानबूझकर उसके पैर में गोली मारी और इस फर्जी एनकाउंटर को असली मुठभेड़ दिखाने की कोशिश की है । यूपी में मुठभेड़ की तमाम घटनाओं में यह पहली घटना ऐसी बताई जा रही है जिसमे इस फर्जी मुठभेड़ को साबित करने वाले कथित कागजी सबूत अमिताभ ठाकुर के हाथ लगे हैं । इसके बाद इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई गई है ।