सिस्टम और न्याय व्यवस्था से तंग इंजीनियर की मौत कोई पहली घटना नही है !

मामला बैंगलोर का है जहाँ बैंगलोर के रहने वाले एक 34 वर्षीय टैलेंटेड ए.आई. इंजीनियर ने सुसाइड कर लिया । सुसाइड से पहले उसने एक घंटे से ज्यादा वक्त का वीडियो भी जारी किया है ।वीडियो में वह अपना नाम अतुल सुभाष बताता है और कहता है कि वह सुसाइड करने को मजबूर है ।उसे इस स्थिति पर लाकर छोड़ा गया है कि उसके पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है । वीडियो में अतुल पांच लोगों पर आरोप लगा रहे हैं, इनका नाम- जौनपुर फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज रीता कौशिक, दिल्ली की एक कंपनी में कार्यरत उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया निवासी जौनपुर, ब्रदर इन लॉ अनुराग सिंघानिया उर्फ पीयूष सिंघानिया पाँचवाँ पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया, जौनपुर शामिल हैं । युवक ने वीडियो में पैसों के एक बड़े अमाउंट के लेन-देन का जिक्र किया है । फैमिली विवाद में अतुल पर कई-कई मुकदमे दर्ज कराए जाने की बात है । इस हालत तक टॉर्चर किया गया कि एक इंजीनियर यानी अतुल सुभाष को खुद को खत्म कर लेने पर मजबूर होना पड़ा ।


नाम: अतुल सुभाष

शादी के 5 साल में ही पत्नी, ससुराल, पक्षपाती कानून व्यवस्था ने उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया ।

1.5 घंटे का सुसाइड वीडियो, 24 पेज का डेथ नोट छोड़ा ।

पत्नी ने 3 करोड़ का गुजारा भत्ता मांगा ।

पत्नी ने उसे अपने बच्चे का चेहरा भी नहीं देखने दिया ।

जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक ने केस निपटाने के लिए 5 लाख मांगे ।

उसने अपनी पत्नी को उसके परिवार की मदद के लिए लाखों दिए, लेकिन फिर उस पर दहेज का आरोप लगा ।

उसकी पत्नी के पिता की शादी के तुरंत बाद बीमारी से मौत हो गई, लेकिन उसकी पत्नी ने उसके परिवार पर हत्या की धाराओं के तहत FIR दर्ज करवा दी, जिसमें दावा किया गया कि “दहेज” की मांग के कारण उनके पिता की सदमे से मौत हो गई ।

अतुल को पिछले 2 साल में 120 बार पेशी पर जाना पड़ा ।

फैमिली कोर्ट के जज ने 2 साल की बेटी के लिए 40,000 प्रति माह भरण-पोषण का आदेश पारित किया, क्योंकि उसने रिश्वत नहीं दी ।

अतुल घर के काम करता था, अपनी पत्नी को नौकरी दिलवाई, अपने साले की आर्थिक मदद की, अपने बच्चे के जन्म पर लाखों खर्च किए ।

सही मायनों में ये आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है- जो कि इस सिस्टम और इस सिस्टम में बैठे गिद्धों ने की है ।

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