गोरखपुर : शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने मामले में बलात्कार के आरोपित को कोर्ट से राहत मिली है । अपर जिला न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश ने झंगहा थाना क्षेत्र निवासी सद्दाम हुसैन ,जनपद गोरखपुर की जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए उसे जमानत दे दी ।
कोर्ट में समक्ष प्रस्तुत हुए इस मामले में अभियोजन की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया गया था कि अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा को शादी का झांसा देकर कई बार शारीरिक संबंध बनाया गया । अभियुक्त द्वारा पीड़ित को जान से मारने की धमकी भी दी गई ।अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है किंतु उसके द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है । ऐसी स्थिति में अभियुक्त जमानत का हकदार नहीं है और उसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए
दूसरी तरफ अदालत में अभियुक्त की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार यादव एवं सहायक अधिवक्ता बिनीता जायसवाल ने अपना तर्क दिया कि अभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नही किया गया है क्योंकि पीड़िता बालिग पढ़ी लिखी महिला है तथा पहले से शादीशुदा है इसलिए उसे शादी का झांसा दिया जाना संभव नही है । तर्क दिया गया कि पीड़िता ने स्वयं द्वारा दर्ज कराये गए मुक़दमे में भी इस तथ्य को छिपाया है कि उसके द्वारा अपने पूर्व पति से विवाह विच्छेद की कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए उक्त सम्बंध में सक्षम न्यायालय से डिक्री ली गयी है अथवा नही । प्रथम सूचना रिपोर्ट भी तीन वर्ष विलंब से दर्ज कराई गई है तथा पीड़ित द्वारा यह स्वयं बयान दिया गया है कि उसने अभियुक्त को शारीरिक सम्बंध बनाने की स्वयं स्वीकृति दी थी ।
न्यायालय ने जमानत देते हुए अपने फैसले में जिक्र किया कि शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बंध बनाये जाने के मामले में मात्र शादी न करना अपराध का सृजन नही करता साथ ही पीड़ित के पहले से शादीशुदा होने का कोई प्रपत्र केस डायरी में शामिल नही है जबकि पुलिस रिपोर्ट बताती है कि पीड़िता का उसके पूर्व पति रवि प्रजापति से छुटकारा हो चुका है ।