जमानत के बाद भी आरोपी को पकड़कर ले आये अदालत के सामने..जज साहब का पारा सातवें आसमान पर !

एक बार फिर गोरखपुर पुलिस अपने कारनामो की वजह से सुर्खियों में है । देखा गया है कि ऐसे सनसनीखेज पुलिसिया कारनामों के कुछ एक मामले ही सामने आ पाते हैं क्योंकि ज्यादातर ऐसे मामलों पर पर्दा डाल दिया जाता है । हुआ यूँ कि लगभग 4 माह पहले अग्रिम जमानत पर छूटे मुल्जिम को थाना झंगहा के दरोगा रविन्द्र सिंह तोमर साहब ने फिर पकड़कर थाने पर बैठा लिया । घर के लोग कहते रह गए की आरोपी की जमानत हो चुकी है तथा जमानतदार का सत्यापन भी बहुत पहले हो चुका है । घरवालों के मुँह से इतना कानूनी ज्ञान सुनते ही तोमर साहब तोप बनकर दगना चालू हो गए । घरवालों की एक न सुनी और आरोपी को लेकर acjm प्रथम की अदालत में रिमांड लेने पहुँच गए ।

यहाँ पहुँचने से पहले आरोपी के घर वालों ने तोमर साहब के मोबाइल पर जमानत से संबंधित कुछ स्क्रीनशॉट भी भेजे लेकिन दरोगा जी ने अपनी हनक के आगे कुछ भी न देखा और न सुना। मामला कोर्ट के सामने आते ही आरोपी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार यादव ने अदालत को वस्तुस्थिति से अवगत कराया । सारे प्रपत्र देखते ही जज साहब ऐसा बिफरे और ऐसा लगने लगा कि आरोपी की बजाय आज दरोगा जी ही जेल भेज दिए जाएंगे । न्यायाधीश महोदय ने इसे अदालत की अवमानना मानते हुए दरोगा जी की सारी हेकड़ी निकाल दी । इतना सब होने के बाद भी दरोगा जी यही रटते रहे कि उन्हें कुछ भी पता नही था लेकिन अदालत भी ऐसे मामलों को अब बखूबी समझने लगी है । इस प्रकरण के संबंध में न्यायालय ने एसएसपी गोरखपुर को पत्र भेजा है । पत्र में क्या लिखा गया है यह अभी स्पष्ट नही हो सका है ।

यूँ तो मैंने कई रिमांड अर्जियों का निपटारा करते हुए कई न्यायाधीश महोदयों को बड़े नजदीक से देखा है परंतु acjm प्रथम गोरखपुर के न्यायालय में आज जज साहब को मैंने रिमांड पत्रावलियों पर इतनी गहराई से सुनवाई करते देखा कि उतनी गहराई से कुछ अदालतें जमानत प्रार्थना पत्रों पर भी सुनवाई नही करती । भला हो आरोपी के अधिवक्ता महोदय का जो छुट्टी के दिन भी अपने क्लाइंट के लिए देर शाम कचहरी पहुँच गए नही तो दरोगा जी के हिकमत अली के कारण आज आरोपी जमानत और जमानतदार भरने के बाद भी जेल में होता ।

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