यूपी : यूपी में अफसरशाही व्यवस्था एकदम गजब ढा रही है । एक लवकुश मौर्या हैं जिनको कौशांबी के सिराथू में समाधान दिवस पर कंबल मांगने पर अफसर ने टका सा जवाब दे दिया था।दूसरे थे लखीमपुर खीरी के रामचंद्र मौर्य । पुलिस की दबिश और धर-पकड़ में जान चली गई । रामचंद्र मौर्य के परिवार के लोग आरोप लगा रहे हैं कि उसकी मौत पुलिस की पिटाई से हुई । शव रखकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे साथ ही न्याय न मिलने तक अंतिम संस्कार न करने की बात कह रहे थे और दोषी पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे थे । रामचंद्र मौर्य की मौत की वजह कुछ भी हो लेकिन उपरोक्त दोनों ही मामलों में हमारा सड़ चुका तंत्र कठघरे में खड़ा है । दोनों ही घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं ।
वीडियो देखकर तो यही लगता है कि वाकई में पुलिस प्रशासन के कुछ अफसर कितने अमानवीय और बेशर्म हो चुके हैं । बुजुर्ग नेत्रहीन और ठंड से ठिठुरते लवकुश मौर्या को कैसे उस अफसर ने कंबल न होने की बात कह कर टरका दिया और यहां रामचंद्र मौर्य के परिवार के लोगों को किस तरह से पुलिस अधिकारी घुड़की दे रहे हैं ? रामचंद्र मौर्य के घर पर चारपाई पर बैठे सर्किल अफसर पीपी सिंह मृतक के परिवार से कह रहे हैं कि “न थाना सस्पेंड होगा, न कार्यवाही होगी और न तुझे 30 लाख रुपया देंगे.. जितने दिन रखना है रख ले डेडबॉडी.. हम यहां से जा रहे हैं.. जो करना है कर ले.. चलो भाई आओ.. जो करना है कर ले.. तीन दिन रख.. चार दिन रख.. पांच दिन रख..”
संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर चुके कुछ अफ़सर वाकई सत्ता और सिस्टम दोनो के लिए कोढ़ से कम नहीं ।
शायद इसीलिए चंद पुलिसवालों का किया गया रक्तदान और उनका किया गया लोक कल्याण भी डिपार्टमेंट के गहरे दागों के आगे फीका पड़ जाता है । टांय टांय करती गाड़ियों में ये संवेदनहीन अफसर तो इतनी जल्दी और हड़बड़ाहट में सांय सांय निकलते दिखाई देते हैं, जैसे आज ही यहाँ की अर्थव्यवस्था को ये अमरीका के समकक्ष लाकर खड़ा कर देंगे । हमारे खाकी की कार्यशैली और हकीकत से आज आमजन इतना अच्छी तरह वाक़िफ़ हो चला है कि, यदि घोषणा कर दी जाए कि सिपाही, दरोगा इंस्पेक्टर की नौकरी में अब कोई तनख्वाह नही मिलेगी… तब भी लोग इस नौकरी के लिए कटने मरने को तैयार मिलेंगे ।
लखीमपुर खीरी में पुलिस की संवेदनहीनता की वीडियो खबर नीचे लिंक में दी गई है ….