गोरखपुर : सिस्टम वेबसाइट मीडिया द्वारा पिछले चार पांच वर्षों से जिन-जिन मामलों का भी खुलासा किया गया वो सभी मामले पिछले तीन वर्षों से गोरखपुर पुलिस के सामने सच बनकर सामने आते रहे हैं । मामले सच बनकर सामने तो आये लेकिन अकेले नही, बल्कि किसी बड़ी घटना के रूप में सामने आए । फिलहाल शहर में इस वक्त एक और मामला छाया हुआ है । जब हम फ्लैशबैक (2022) में गए तो पता चला कि पैथोलॉजी मशीन दिलाने के नाम लगभग दो करोड़ की ठगी का मुकदमा जो कैंट थाने में कोर्ट के आदेश पर अब दर्ज हुआ है उस मुकदमे के तार एक बड़े नेटवर्क से काफी पहले से जुड़े हुए हैं । यह मुकदमा सिर्फ ठगी का नही है बल्कि कहीं उससे ज्यादा गंभीर है । यदि इस मामले की जाँच किसी बड़े अधिकारी से कराई जाए तो इसमें कई चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं । जिस सैयद अनवर कमाल के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज हुआ है उस अनवर कमाल के बारे यह बताया जा रहा है कि उसने बिजनेस में पार्टनरशिप के नाम पर कई लोगों से करोड़ों रुपये लगवाए हैं । रुपयों का लेनदेन करने के लिए कई खातों का इस्तेमाल किया जाता रहा है तथा अवैध फंडिंग तथा अवैध लेनदेन को अमलीजामा पहनाने के लिए लेनदेन के कई प्लेटफॉर्म भी तैयार किये गए थे । बताया गया है कि सैयद कमाल का चाइना कनेक्शन भी काफी पुराना है जिसका जिक्र अक्सर सामने आता रहा है तथा चाइनीज मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल भी सैयद कमाल द्वारा खुलकर किया जाता रहा है ।
ये मामला इतना सीधा नही है बल्कि इस मामले में 17 मई 2022 को पीड़ित अनिल तिवारी पर हमला भी हुआ था तथा उनके दुकान पर चढ़कर तोड़फोड़ भी की गई थी । उस वक्त भी पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को हल्के में लिया था । हमला तथा तोड़फोड़ करने वाले दो सगे भाइयों अल्ताफ तथा रुस्तम का भी कोई ऐसा व्यवसाय अब तक सामने नही आया जिसके आधार पर इनकी आर्थिक हैसियत का आकलन तथा मिलान किया जा सके लेकिन यह जरूर पता चला कि ये दोनों भाई भी करोड़ो का लेनदेन करते रहे हैं और इस लेनदेन के लिए इन्होंने अपने नाम की स्पेलिंग में फर्क बनाकर चार चार पैन कार्ड बनवा रखे हैं ।
फिलहाल की स्थिति क्या है यह कह पाना तो मुश्किल है लेकिन सिस्टम वेबसाइट मीडिया के हाथ इस मसले से जुड़े कुछ ऐसे एकाउंट स्टेटमेंट भी लगे हैं जिन्हें देखने पर पता चलता है कि अवैध लेनदेन के लिए एक ही व्यक्ति द्वारा अपने नाम की स्पेलिंग में फर्क कर किस तरह चार चार पैन कार्डों का इस्तेमाल किया गया है ।
एक स्पष्ट और पुख्ता जानकारी के मुताबिक गोरखपुर पैथोलॉजी एसोसिएशन तथा इस एसोसिएशन से बाहर के पैथोलॉजी सेंटरों के तमाम मालिकान लोगों ने करोड़ो का लेनदेन इसी तरह से व्यवसाय के नाम पर सैयद अनवर कमाल के साथ कर रखा है लेकिन सैय्यद कमाल पर पुलिसिया मेहरबानी को देखते हुये कोई भी व्यक्ति सैय्यद कमाल के खिलाफ सामने आने का साहस नही कर पा रहा है । जो मुकदमा कमाल के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ है उस मामले में भी पुलिस का दोस्ताना रवैया ही अब तक सैय्यद कमाल के साथ दिखाई दे रहा है । विदेशी कनेक्शन, विदेश मशीनों का आयात, करोड़ों का अवैध लेनदेन, लेन देन के लिए विदेशी मोबाइल नम्बरों का इस्तेमाल, करोड़ों के लेनदेन के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले एकाउंट तथा विदेश से लेकर यहाँ तक फैले हुए इस अवैध फंडिंग के विशाल नेटवर्क के जाँच की जिम्मेदारी, यदि कैंट पुलिस एक एस.आई.को देकर इस मामले की तह तक पहुँचने का ख़्वाब देख रही है तो इस ख़्वाब का मुक़म्मल होना नामुमकिन है ।
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