गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों की जाँच को शुरू कराने में मुख्य भूमिका अदा करने वाले सिस्टम वेबसाइट मीडिया घोटालेबाजों के लिए माइग्रेन साबित हो रहा है । इन घोटालों की जाँच के क्रम में तार एक दूसरे से जुड़ते जा रहे हैं और नतीजा यह है कि अब पूरे सूबे में जाँच एक्सप्रेस चल पड़ी है । जांच में सामने आया है कि शाहजहाँपुर जनपद के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. गौतम की करतूतों ने भी शाहजहांपुर के स्वास्थ्य विभाग को लूट का अड्डा बना दिया था, लेकिन अब उनके काले कारनामों की पोल खुल चुकी है । करीब 100 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में फंसे गौतम का पासपोर्ट जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है, और जांच का शिकंजा कसता जा रहा है । इस मामले में कनेक्शन जुड़ने के बाद गोरखपुर से लेकर बाँदा तथा अतरौलिया में जिम्मेदारों पर अब तक कार्यवाही की जा चुकी है और अब शाहजहांपुर का अध्याय भी इसके साथ जुड़ गया है ।
जांच में सामने आया है कि 10 रुपये का पेन 95 में, कागज 80 रुपये प्रति शीट खरीदी गई । स्टेथोस्कोप, जिसकी बाजार कीमत 300 रुपये थी, उसे 1500 रुपये में खरीदकर सरकारी धन को “अपनों” की तिजोरी में डाला गया । यही नहीं, 86 कागजी स्वास्थ्य उपकेंद्रों के नाम पर करोड़ों की सामग्री खरीदी गई, जो कभी अस्तित्व में थे ही नहीं । मरीजों की दवाएं गोदाम में पाई गयी हैं और, AC गौतम साहब के बंगले में । स्वास्थ्य विभाग के लिए मंगवाए गए महंगे एयर कंडीशनर डॉ. गौतम के आलीशान बंगले में लगे मिले, जबकि मरीजों की दवाएं ददरौल के एक किराए के गोदाम में सड़ रही थीं । जांच में सामने आया कि डॉ. गौतम ने अपने कार्यकाल में सरकारी खजाने को दोनों हाथों से लूटा । सीडीओ अपराजिता सिंह के निर्देश पर इस फर्जी गोदाम पर छापा पड़ा, जहां करोड़ों रुपये की ऐसी दवाएं और उपकरण बरामद हुए हैं, जिन्हें बाजार में बेचने की साजिश थी । कोविड काल में खरीदा गया लाखों का सामान भी खुले आसमान तले गल रहा था, जिसके लिए गौतम सहित अन्य अधिकारी जिम्मेदार ठहराए गए हैं
डायन भी एक घर छोड़ देती है लेकिन डॉ. गौतम ने मरीजों के साथ-साथ संविदा कर्मचारियों का हक भी छीना । दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे स्टाफ का वेतन तक उनकी जेब में चला गया । डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव (चिकित्सा-स्वास्थ्य) को विस्तृत रिपोर्ट भेजकर गौतम और अन्य दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है । अब शासन से डॉ गौतम का पासपोर्ट जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है, ताकि वह विदेश भागकर कानून से बच न सकें । पूर्व CMO के अलावा पूर्व ACMO डॉ. गोविंद स्वर्णकार, डॉ. मनोज मिश्रा, स्टोर इंचार्ज पवन गुप्ता, और अन्य कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है । सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के इन घोटालों पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए गंभीर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं । प्रशासन ने जांच के लिए कमेटी गठित की है, और अब दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की तैयारी है ।
दलालों और घोंटलेबाजों के खिलाफ लड़ाईयां थका देने वाली होती हैं लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि कोई न कोई ईश्वरीय शक्ति मुझसे ऐसा जानबूझकर करवाती है और शायद इसी कारण जिन दलालों की गति तय हो जाती है उन दलालों को मुझसे जानबूझकर उलझा भी देती है । शायद इसीलिए स्वास्थ्य विभाग के घोटालों को लेकर अब तक इतनी बार मुझे लखनऊ तक दौड़ना पड़ा है जितना घोटालेबाज और दलाल पत्रकार सोच भी नही सकते । फ़िलहाल गोरखपुर के पत्रकारिता जगत से कचड़ा साफ करने का समय अब आ गया है, इसलिए अगले नए आगाज के लिए दर्शकदीर्घा में अपना दिल थाम कर बैठिए !