दरगाह को ढाल बनाकर बैठे जघण्य अपराधों के आरोपी इकरार अहमद की दास्तां पहुंची “सलमान चिश्ती” तक ! दलालों की ब्रांडिंग का काम और प्लानिंग दोनों पड़ी खटाई में..

आगामी दिनों में गोरखपुर के शहीद मुबारक खां दरगाह पर लगने वाले उर्स मेले पर अजमेर दरगाह के खादिम और चिश्ती फाउंडेशन के संस्थापक सलमान चिश्ती को बुलाया गया है । सलमान चिश्ती को बुलाकर पाक और मुकद्दस दरगाह की आड़ में जघण्य अपराधों का आरोपी इकरार अहमद एक बार फिर से अपनी ब्रांडिंग अपने टुकड़ों पर पलने वाले कुछ दलालों के माध्यम से कराने में जुटा हुआ है । गौरतलब है कि सलमान चिश्ती तथा सैयद नसरुद्दीन ने वक्फ़ अमेंडमेंट एक्ट की तरफदारी करते हुए इसे बढ़िया बताया था और इसके जवाब में तमाम मुस्लिम संगठनों ने सलमान चिश्ती तथा अजमेर दरगाह दीवान के बेटे सैयद नसरुद्दीन से दूरी बनाने का एलान कर दिया था । गोरखपुर में जिस दरगाह पर सलमान चिश्ती के आने की रेवड़ियां बांटी जा रही हैं उसी दरगाह के मुतवल्ली बने बैठे इकरार अहमद ने सलमान चिश्ती के ठीक उलट वक्फ़ कानूनों के बारे में कुछ दिन पहले जमकर जहर उगला था । तो फिर ये दो परस्पर विरोधाभास वाली धूरियाँ उर्स मेले के बहाने अपने किस मकसद को साधने निकले हैं ? एक तरफ एक निपट निठल्ला इकरार अहमद है जो अपने तमाम आपराधिक दास्ताँ को अपने  दामन में समेटे हुए है, तो दूसरी तरफ अजीमोशान शख्सियत सलमान चिश्ती ! एक तरफ वक्फ़ कानूनो के विरोध में जहर उगलने वाला और सीएम योगी के खिलाफ झूठी गवाही देने वाला पेशेवर इकरार अहमद है, तो दूसरी तरफ वक्फ़ कानूनों का समर्थन करने वाले सलमान चिश्ती ! अब इकरार अहमद और उसके दलालों के पास खोने जैसी इज्जत और रुतबा तो कुछ है नही, इसलिए चिश्ती साहब को तो अपना दामन इन कालिखनुमा लोगों से खुद ही बचाना होगा ।

अब सवाल यह है कि चिश्ती साहब इस पेशेवर अपराधों के आरोपी इकरार अहमद के बुलावे पर यहाँ आकर अपनी लानत मलानत क्यों कराना चाह रहे हैं ? ये अबूझ पहेली बना हुआ है । वैसे अंदरखाने की सूचना यह है कि इस इकरार अहमद के आपराधिक दास्तान की ख़बर चिश्ती साहब तक पहुँच चुकी है और उनके द्वारा इस बारे में सवाल जवाब तलब करने से इकरार अहमद और उसके दलालों के माथे पर पसीना छलछला गया है । अफवाहों के बाजार में तो यह खुसफुसाहट भी चल रही है कि छंटे हुए बदमाश की तरह इकरार अहमद और उसके दलालों ने अपनी फटी इज्जत ढांपने के लिए चिश्ती साहब को नगद नजराना पेश करने के साथ ही उनके स्वागत के लिए ढाई कुंतल फूल के चढ़ावे का लालच भी दे डाला है, लेकिन ये भूल गए कि चिश्ती साहब जैसों का ईमान अपराध से कमाई गयी दौलत पर नही तौला जा सकता है ।

सभी जानते हैं कि फैजाबाद का अस्तित्व योगिराज में खत्म हो चुका है, लेकिन पेशेवर अपराधों के आरोपी इकरार अहमद की ब्रांडिंग करने निकला दलाल (फैजाबाद अहमद) इस निपट निठल्ले इकरार अहमद को लेकर गोरखपुर के सांसद के पास निमंत्रण सहित पहुँच गया था । यह दलाल शायद भूल गया था कि गोरखपुर के दंगों में योगी के खिलाफ लिखाये गए फर्जी मुकदमे में इसी पेशेवर अपराधों के आरोपी इकरार अहमद ने योगी के खिलाफ झूठी गवाही दी थी । दलाल अक्सर बेहया और बेशर्म टाइप के ही होते हैं इसलिए वो अक्सर भूल जाते हैं, लेकिन सीएम योगी से जुड़ा कोई भी व्यक्ति इस घटना को भला कैसे भूल सकता है ? इसलिए ये उम्मीद तो छोड़ ही दे दलाल (फैजाबाद अहमद) कि, सांसद महोदय दरगाह की ढाल लेकर बैठे इस पेशेवर अपराधों के आरोपी का निमंत्रण स्वीकार करके वहाँ पहुंचेंगे । यह भी जानकारी मिली है कि जघण्य वारदातों के आरोपी इकरार अहमद की कुंडली फिर से एकबार खंगाली जानी शुरू कर दी गयी है । इस व्यक्ति और इसके सहयोगियों की दास्तान और दफन फाइलें भी निकाली जाएगी और इस एक एक खोजबीन में सिस्टम वेबसाइट मीडिया खोजी कुत्ता बनकर इस मामले में प्रशासन का सहयोग भी करेगा । अगली कड़ी जल्द ही उन स्पॉन्सर्स से भी जुड़ेगी जो दरगाह की आड़ में चलाए जा रहे इस नेक्सस को अवैध फंडिंग करते रहे हैं ।

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