जो आज घड़ियाली आंसू बहा रहा है उसने लगाए थे “फलीस्तीन जिंदाबाद” के नारे ….दरगाह की आड़ में छिपे कारनामों की दास्ताँ पहुँची “भारतीय सुरक्षा एजेंसी”….NIA से जाँच की मांग ?

गोरखपुर : गोरखपुर जनपद में दिनांक 25 अप्रैल 2025 से हजरत मुबारक खाँ शहीद रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स के मौके पर हर बार की तरह इस बार भी तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाने वाला है । इस बार इस मेले में सैय्यद सलमान चिश्ती के भी आने की संभावना है । चिश्ती साहब से दरगाह के मुतवल्ली इकरार अहमद द्वारा उन्हें दिए गए निमंत्रण का जिक्र करते हुए इकरार अहमद के इतिहास और वर्तमान के विषय मे जब सवाल पूछे गए, तब जनाब सैय्यद सलमान साहब ने फोन पर बताया कि वो सिर्फ पाक और मुकद्दस दरगाह पर चादरपोशी के लिए जा रहे हैं । बाकी सियासी और अन्य चीजों से उनका कोई लेना देना नही है ।

जबकि दरगाह के मुतवल्ली इकरार अहमद की कारगुजारियों से जुड़ा मामला न सियासी है और न नजरअंदाज करने लायक ! अब तक के मालूमात के हिसाब से असलहा तस्करी से लेकर हत्या,तोड़फोड़, बलवा और गुंडा एक्ट जैसी खड़ी की गई पेशेवर अपराधों की इबारत..गोरखपुर दंगों में सी एम योगी के खिलाफ साजिशन दी गयी झूठी गवाही..ग़ैरवाजिब तरीके से असलहे तथा पासपोर्ट का बनना तथा उनका गैर वाजिब इस्तेमाल.. दुबई में अरबों का आर्थिक सम्राज्य…नेपाल, दुबई, और विदेशी कंनेक्शन… दरगाह की आड़ में अवैध फंडिंग..फलीस्तीन जिंदाबाद जैसे भड़काऊ नारे… तथा इन कारगुजारियों में सहयोग देने वाले सभी कैरेक्टर आदि तो यही इशारा कर रहे हैं उपरोक्त मामला बेहद गंभीर है और इसकी जाँच भारतीय सुरक्षा एजेंसी (एन.आई.ए.) से कराई जानी चाहिए । फ़िलहाल पहले ये वीडियो देखिए…

 

(इकरार अहमद कह रहा है कि यदि उसकी बात इस चैनल के माध्यम से आतंकियों तक पहुँच रही है तो)……अरे इकरार मियाँ आपकी ये बात आपके इस चैनल के माध्यम से उतनी दूर पहुंचेगी कैसे ? क्योंकि आपके इस चैनल की औकात आपके दर से शुरू होकर आपके ही के दर पर खत्म हो जाती है । डैमेज कंट्रोल के तहत जारी किए गए इस वीडियो में गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए जो भगवा अंगोछा डाले आप देशहित की बड़ी बड़ी बातें कर रहे हैं न…उसकी असलियत यह है कि अभी कुछ महीनों पहले ही आप गोरखपुर में कुछ नौजवानों को बरगलाकर “फलीस्तीन जिंदाबाद” के नारे लगाते हुए धर लिए गए थे । 2024 में आप ने ही कुछ युवकों को बरगलाकर “फिलिस्तीन जिंदाबाद” के नारे लगवाये थे और इस मामले में की एक पुलिस रिपोर्ट अब हमारे हाथ भी लग चुकी है । इस रिपोर्ट में खुद इकरार अहमद का इक़बालिया बयान यही बताता है कि, दरगाह को ढाल बनाकर बैठा यह शख़्स कहीं से भी ऐतबार के काबिल नही है । रिपोर्ट में इकरार मियाँ के इकरारनामे के हवाले से लिखा गया है कि इकरार अहमद ने “फिलिस्तीन जिंदाबाद” के साथ “हिंदुस्तान जिंदाबाद” के भी नारे लगाए थे और “फिलिस्तीन जिंदाबाद” के नारे लगाने के लिए माफी मांग कर अपनी जान छुड़ाई थी ।

नीचे लिखे “file Police Reoprt” पर क्लिक कर देखिए इकरार का इकरारनामा और पुलिस रिपोर्ट

File Police Report

चिश्ती साहब को ये सोचना चाहिए कि नीचे जिस शख्स के साथ उनकी तस्वीर लगी है उस तस्वीर से उनका रुतबा और कद दोनो अपने आप आसमान छूने लगता है ।

इस तस्वीर का प्रभाव इतना व्यापक है कि चिश्ती साहब को इसके बारे में कुछ भी बताने की जरूरत कभी महसूस ही नही होगी । लेकिन दो दिन बाद जब “दो टके” के पेशेवर अपराधों के आरोपी तथा “फलीस्तीन जिंदाबाद” के नारे लगाने वाले उन्मादी इकरार अहमद के साथ चिश्ती साहब की तस्वीर फ़िज़ाओं में तैरेगी.. तब यही तस्वीर कई सवाल खड़े करेगी ! क्योंकि अपनी असलियत छिपाते हुए अधिकारियों और बड़े लोगों के साथ फोटो सेशन कराकर उन तस्वीरों का अपने हक में इस्तेमाल करना ही इस इकरार अहमद का एकसूत्रीय काम है । बहरहाल, उम्मीद है कि आने वाले समय मे बहुत जल्द ही “भारतीय सुरक्षा एजेंसियां” दरगाह की आड़ में चल रहे खेल और खिलाड़ियों की जाँच करने पहुंचेंगी ।

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