गोरखनाथ थाने ने जब IPC में दर्ज की FIR, तो दिखाई देने लगी 531 bnss की खामी !

गोरखपुर : जब देशभर में अपराध को दर्ज करने की नई परिभाषा बन रही हो, और अदालतें भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत फैसला सुना रही हों, तब भी गोरखपुर के गोरखनाथ थाना में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत माम्रला दर्ज करने को लेकर एक वरिष्ठ अधिवक्ता कहते हैं कि  BNNS लागू होने से पूर्व 156 (3) Cr.p.c. के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र दिए जाते थे और अपराध IPC में दर्ज किया जाता था । आज ऐसे सभी प्रार्थना पत्र 173 BNSS में ही दिये जाते हैं लेकिन bnss लागू होने से पूर्व के मामले अब भी ipc में ही दर्ज किए जा रहे हैं जो काफी असमंजस की स्थिति पैदा करता है ।

संजय कुमार यादव (वरिष्ठ अधिवक्ता, सिविल कोर्ट)

गोरखपुर सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार यादव ने अपने एक मुवक्किल का प्रार्थना पत्र 173 BNS के तहत न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था । न्यायालय ने उक्त प्रार्थना पत्र पर थाना गोरखनाथ को मुकदमा दर्ज करने का निर्देश जारी किया था जिसके बाद गोरखनाथ थाने ने BNS की बजाय IPC की अधूरी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है ।

वरिष्ठ अधिवक्ता बताते हैं कि मुख्य रूप से यहाँ मामला bnss तथा ipc का नहीं बल्कि प्रार्थना पत्र में समाहित एक ऐसे बिंदु का है जिसके समर्थन में एक बातचीत पेन ड्राइव में संकलित कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई थी । बताया गया है कि इस पेन ड्राइव में शिकायतकर्ता के हत्या की साजिश रचने की बातचीत रिकॉर्ड है । इसके बावजूद पुलिस द्वारा मुकदमे में धारा 120 बी नही दर्ज की गई है ।

जब देश का कानून बदल चुका है, कोर्ट बदल चुकी है, केसों की संरचना बदल चुकी है, और अभी भी थाने यदि पुरानी और नई व्यवस्था दोनो को मिलाकर केस दर्ज करे, तो इससे न्याय की पूरी प्रक्रिया को हैंडल कर पाना अदालतों और अधिवक्ताओं दोनों के लिए काफी मुश्किल भरा होता है । हालांकि यहां मुख्य रूप से खामी थानो की नही बल्कि 531 bnss की है.. जिसमे यह स्पष्ट नहीं किया गया हैं कि यदि घटना bnss लागू होने से पूर्व घटित हुई है और यदि उसका मुकदमा आज दर्ज किया जा रहा है तो वह ipc में दर्ज होगा या bnss में ?

निष्कर्ष में बस यही कहा जा सकता है कि 531 bnss में स्पष्ट प्रावधान न होने की वजह से थाने फिलहाल कानून की थाली में ipc और BNS का मिक्स हलवा परोसने पर मजबूर हैं और अधिवक्ता तथा अदालतें उसी के अनुसार चलने पर मजबूर हैं !

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