हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी “मलाईदार पोस्ट” छोड़ने को राजी नही है सरकारी डॉक्टर..सामाजिक संगठन करेगा “अवमानना का मामला” दाखिल !

प्रयागराज : सरकारी विभागों में कार्यरत विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा अपने रसूख के बल पर मलाईदार पोस्ट हथिया कर माल बटोरने की परंपरा पर कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा वज्रपात किया चुका है । गौरतलब है कि इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा हालिया दिये गए अपने निर्देश के क्रम में यह निर्देशित किया गया था कि यूपी के हर जिले में कम से कम एक रेडियोलाजिस्ट की तैनाती की जाए तथा विशेषज्ञ डॉक्टरों को चिकित्सीय कार्यों में ही लगाया जाए ।

तो क्या हाईकोर्ट के इस निर्देश का अनुपालन किया जा रहा है ? जानकारी मिली है कि ज्यादातर जिलों में हाईकोर्ट के निर्देश का अनुपालन अभी भी शुरू नही किया गया है और शायद इसीलिए इस मामले में एक सामाजिक संगठन ने अवमानना का मसला हाईकोर्ट में दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोरखपुर जिले के सीएमओ कार्यालय में तैनात डॉ ए.के. सिंह एक रेडियोलाजिस्ट हैं और इन्होंने सरकारी खर्चे पर रेडियोलॉजी की डिग्री हासिल की है लेकिन इनके द्वारा रेडियोलाजिस्ट का कार्य न कर हॉस्पिटल रजिस्ट्रेशन का का कार्य संपादित किया जा रहा है । इस संबंध में सीएमओ गोरखपुर द्वारा बताया गया है कि उन्हें इस बात की जानकारी नही है कि डॉ ए.के. सिंह एक रेडियोलाजिस्ट हैं । यदि ऐसा है तो हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाएगा ।

इसके साथ ही जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया है कि जिला चिकित्सालय में तैनात सभी रेडियोलाजिस्ट से चिकित्सीय कार्य ही लिया जा रहा है । पूर्व कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक राजेन्द्र ठाकुर के विषय मे पूछने पर एस.आई.सी. द्वारा बताया गया है कि राजेन्द्र कुमार से भी रेडियोलाजिस्ट का कार्य ही कराया जा रहा है ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश के आखिरी पेज में स्पष्ट तौर पर अंकित किया है विशेषज्ञ डॉक्टरों को चिकित्सीय कार्यो में ही लगाया जाए.. आदेश देखने के लिए नीचे Allahabad highcourt पर क्लिक करें…!

Allahabad highcourt Order radiologist

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