“ख़बर वही है, जिसे दबाने की कोशिश की जाए”..बाकी सब तो विज्ञापन है !

गोरखपुर : आजकल बुद्धिजीवी वर्ग का कहने लगा है कि “जिस खबर को दबाने का प्रयास किया जाए वही ख़बर है..बाकी सब तो विज्ञापन है” । जिला अस्पताल गोरखपुर में हैंड सैनिटाइजर की खरीद में हुई कमीशनबाजी की प्रमाण सहित खबर का प्रसारण कल शाम करने के बाद आज सुबह से कानपुर के गोपाल केमिकल्स के लगभग 30 फोन मेरे पास आये होंगे ! फोन न उठाने पर कम से कम सात अलग अलग नम्बरों से फोन आते रहे लेकिन हमने न कोई फोन उठाया और न ही कोई बात की ! साथ ही सभी नम्बरों को ब्लॉक भी कर दिया । अब खबर के प्रसारण के बाद एक अनजान व्यापारी से बात करने का भला क्या तुक ? लेकिन दोपहर लगभग तीन बजे के आस पास “पंकज कोहली” नाम के एक व्यक्ति द्वारा सिस्टम वेबसाइट मीडिया के आर्थिक सहयोग वाले खाते में तीन बार मे कुल 26 हजार रुपये भेजे गए । एक बार 2 हजार, दूसरी बार 10 हजार, और तीसरी बार में 14 हजार !

चूंकि “सिस्टम वेबसाइट मीडिया” का यह खाता सार्वजनिक डोमेन पर पब्लिक है इसलिए इस खाते में कोई भी आर्थिक सहयोग दे सकता है.. लेकिन ऐसा कोई भी सहयोग, ऐसे व्यक्ति से नही स्वीकार किया जाता है जो अजनबी हो । खाते में गिरे  रुपये पर तुरंत मेरा माथा ठनका तो बिना वक्त गवाएं बैंक के स्टाफ को फोन लगाया तो पता चला आज रविवार है और बैंक बंद है..लेकिन बैंक को कारण बताते हुए मेल कर दिया, कि ये रुपया जिन श्रीमान का है उनके खाते में उन्हें वापस कर दिया जाए । उसके बाद तुरंत बाद साइबर सेल को तहरीर दे डाली और 112 पर भी “अननोन ट्रांजेक्शन” की कंप्लेन दर्ज करा दी ।

दिमाग मे कीड़ा कुलबुला रहा है कि यह चालबाजी जिला अस्पताल के दलाल गिरोह की हो सकती है । क्योंकि प्रसारित खबर का मामला सिर्फ सैनिटाइजर खरीद तक नही सिमटा हुआ है बल्कि इस गिरोह को डर है कि अब सभी खरीदों की जांच खुल जाएगी और जितना घोंटा है सब उगलना पड़ जायेगा । पता चला है कि कानपुर के इस “गोपाल केमिकल्स” को जिला महिला चिकित्सालय में सप्लाई का आर्डर सबसे पहले “बड़े भैया” की कृपा से मिली और जब लगभग तीन साल पहले ठाकुर साहब SIC की कुर्सी पर काबिज हुए तो “बड़े भैय्या” ने इस “गोपाल केमिकल्स” की एंट्री जिला अस्पताल गोरखपुर में भी करा दी ।

ठाकुर साहब के कार्यकाल में लगभग तीन साल तक इसी तरह गलत बिलिंग कर दस का माल सौ में खरीद दिखाकर सरकार को लूटा जाता रहा और जब मामला कल प्रसारित खबर के बाद खुला तो सबके माथे पर पसीना आ गया । डर बैठ गया कि कहीं तीन साल की सारी काली कमाई बाहर निकल कर न आ जाये । अब गोपाल केमिकल्स का तीसों बार नंबर बदल बदल कर मेरे पास फोन आना और फोन न उठाने पर हमारे खाते में अनजान व्यक्ति द्वारा 26 हजार रुपये तीन बार मे डालना..ये “संयोग है या प्रयोग”..ये तो बड़े भैय्या ही बताएंगे !

एक बात तो मैं”बड़े भैय्या”…. को पहले ही बता चुका हूँ कि आपकी मुलाकात अब तक सिर्फ एक प्रजाति के पत्रकारों से हुई थी..लेकिन अब आपकी मुलाकात एक बड़ी ही दुर्लभ प्रकार की दूसरी प्रजाति के पत्रकार से हुई है । इसलिए साजिश करने वालों से यह कहना है कि… यदि ये साजिश है, तो याद रखना कि “ऊंट अगर बैठ भी जाये तो कुत्ते से ऊंचा ही रहता है” !

By systemkasach

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