ढाई करोड़ की मानहानि के बाद, फर्जी ख़बर छापने वाले छपड़ी गैंग का नाम आया सामने..ऑडियो वायरल…प्रेस क्लब की साख भी दांव पर !

गोरखपुर : दारू को खम्भा क्यों कहा जाता है ?वो इसलिए क्योंकि दारू हमारे देश की अर्थव्यवस्था का सबसे मजबूत खम्भा है । ठीक इसी खम्भे की तरह एक और खम्भा भी है और वो खम्भा है पत्रकारिता…. जिसे कभी लोकतंत्र का चौथा खम्भा (स्तंभ) कहा जाता था । लोकतंत्र का यह खम्भा आजकल एक नई दिशा में दौड़ लगा रहा है — और उस दिशा का नाम है “झोलाछाप ब्रिगेड”। झोलाछाप डॉक्टरों की तरह यह ब्रिगेड भी बड़ी मेहनत से गूगल यूनिवर्सिटी से ज्ञान प्राप्त करते हुए, व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से डिग्री ले रही है, और सोशल मीडिया की गलियों में अपनी मोबाइल रिकॉर्डिंग ऑन कर पत्रकारिता का अद्भुत नमूना पेश कर रही है । लेकिन जनाब, झोलाछापों का ब्रिगेड इस बार ऐसे निशाने पर आया हुआ है कि, मामला तीर-तलवार से नहीं, बल्कि नोटिस और विधिक फॉर्मूले से निपटाया जा रहा है ।

फिलहाल ढाई करोड़ का नोटिस सुनते ही झोलाछाप ब्रिगेड की तबीयत मौज में है । झोलाछापों की इस ब्रिगेड में शामिल अब तक दर्जन भर से अधिक चेहरे सामने आ चुके हैं लेकिन इस ब्रिगेड का स्लीपर सेल अब तक ढूंढा नहीं जा सका था । फ़िलहाल इस स्लीपर सेल की पहचान भी प्रमाणों आधार पर सुनिश्चित की जा चुकी है, और इसी क्रम में चौरीचौरा के एक धुरंधर वीर को भी कल नोटिस थमा दी गई है । नीचे दी गई तस्वीर समीर उर्फ विक्की यादव की है । इनकी तस्वीरों को देखिए और सोचिए कि “पत्रकारीय ज्ञान से सदा के लिए वंचित किये जा चुके इन विचलित तत्वों” को आखिर फुल टाइम पत्रकारिता ही क्यों करनी है ?

Cityupdate.com वेबसाइट पर ही फर्जी ख़बर का प्रसारण किया गया था । नोटिस मिलने के बाद खबर हटाते हुए एडिट कर पुनः चस्पा किया गया । वेबसाइट में दर्ज फोन नंबर और रिपोर्टर को खुद इस वेबसाइट के रिपोर्टर भी नही पहचानते और वेबसाइट का रिपोर्टर इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड “फैय्याज गैंग” को बता रहा है । सबसे लानत मलानत भेजने वाली बात तो यह है कि इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाला “सेवई विक्रेता” प्रेस क्लब गोरखपुर का सदस्य है । है… न…बड़े गर्व का विषय ! न यकीन आये, तो रिकॉर्डिंग सुन लीजिए ।

ये वही कॉल रिकॉर्डिंग है जो यह साबित कर रही है कि फर्जी वेबसाइट की आड़ में व्हाट्सअप की गणित जोड़कर सोशल मीडिया में फर्जी खबरों का प्रसारण करने वाला गैंग अज्ञात सुरंग के माध्यम से प्रेस क्लब गोरखपुर में जा घुसा है । मेरा सवाल आपसे है प्रेस क्लब अध्यक्ष महोदय…कि आपके प्रेस क्लब गोरखपुर में सदस्यता पाने का कोई शैक्षणिक या नैतिक पैरामीटर है भी है नहीं ? या फिर सेवई,पंचर,दारूबाज, दलाल या तेलगी जैसी योग्यता का होना ही पर्याप्त है । यदि नहीं… तो अब एक ऐसी लक्ष्मण रेखा खीचिए अध्यक्ष साहब.…. जिसे पार करने का साहस किसी रावण या अहिरावण में न हो । प्रमाण सामने आने के बाद अब यह कहा जा सकता है कि पत्रकार और पत्रकारिता के मान मर्दन की वजह बन चुके ये विचलित तत्व ही एक दिन प्रेस क्लब गोरखपुर के मान मर्दन का कारण भी बनेंगे । उदाहरण देखना हो तो पाकिस्तान, फलीस्तीन और यूक्रेन को ही देख लीजिए ! कर्मकांड किसी और ने किये और फजीहत पूरे मुल्क की हो रही है । अध्यक्ष महोदय, आपकी यह जिम्मेदारी बनती है कि आप अपने प्रेस क्लब के मान, सम्मान और गरिमा को अक्षुन्न बनाये रखें और प्रेस क्लब गोरखपुर में घुसपैठ के जरिये घुसे इन रिफ्यूजियों को बाहर का रास्ता दिखाएं । वैसे भी वो मौसम अब ज्यादा दूर नहीं है… जब ये झोलाछाप ब्रिगेड ‘डिजिटल डायरिया’ की चपेट में आएगा ।

आखिर कितना भरोसा करें ऊपर दी गई छपड़ी टाइप पव्वा अड्डा वाले वेबसाइट पे…एक ऐसी वेबसाइट जहाँ कोई सेवई विक्रेता टाइप जाहिल जब चाहे घूम आता है और यहां आकर अपनी ठरक उतार लेता है ।

By systemkasach

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का खुद का चेहरा कितना विद्रूप और घिनौना है..ये आप इस पेज पर देख और समझ सकते हैं । एक ऐसा पेज, जो समाज को आईना दिखाने वाले "लोकतंत्र के चौथे स्तंभ" को ही आइना दिखाता है । दूसरों की फर्जी ख़बर छापने वाले यहाँ खुद ख़बर बन जाते हैं ।

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