“प्रेस क्लब अध्यक्ष” गोरखपुर को खुला खत…”छपड़ी टाइप” के लोगों को मिले “प्रेस क्लब की सदस्यता” की वैधानिकता तथा इसकी आड़ में किये जा रहे आपराधिक मामलों में हस्तक्षेप की मांग !

गोरखपुर : प्रेस क्लब गोरखपुर से मेरा कभी भी नाता नही रहा और सही मायनों में पत्रकारिता से भी कभी कोई नाता न रहा होता लेकिन पत्रकारिता की झोलाछाप ब्रिगेड के “छपड़ी टाइप दलालों” ने अपने कारनामों से मुझे इस कीचड़ में आज से लगभग पांच साल पहले जबरन घसीट ही लिया । अब आ ही गए हैं तो कीचड़ को बाहर फेंक साफ पानी भरने की कवायद शुरू कर दी है ।

इसी क्रम में अब प्रेस क्लब की सदस्यता की आड़ में अवैध तथा आपराधिक गतिविधियों का संचालन करने वालों के विरुद्ध प्रेस क्लब अध्यक्ष को एक खुला पत्र लिखना अत्यंत आवश्यक हो चला था । कुछ सदस्यों द्वारा प्रेस क्लब के नाम का दुरुपयोग करते हुए अवैध एवं अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त होने तथा प्रेस क्लब की सदस्यता को ही अपने आय का माध्यम बना लेने की सूचनाएँ साक्ष्यों सहित प्राप्त हो रही हैं ।

पत्रकारिता की गरिमा तो कब की लापता हो चुकी है और अपने माथे पर अपनी पहचान का प्रश्न चिन्ह लिए दशकों से इधर उधर भटक रही है । यही हाल प्रेस क्लब गोरखपुर का न हो जाए, इसलिए अब प्रेस क्लब की गरिमा को बचाने के लिए अध्यक्ष महोदय का ध्यान आकृष्ट कराना ही एकमात्र विकल्प रह गया है

पत्र देखने के लिए नीचे लिखे “पत्र प्रेस क्लब अध्यक्ष”पर क्लिक करें !

पत्र प्रेस क्लब अध्यक्ष

वैधानिक चेतावनी : छपड़ी टाइप दलाल, सेवई विक्रेता, पंक्चर जोड़ने वाले, तथा ठेले खोमचे वाले के साथ ही नशेड़ी टाइप और अमावस की रात जैसे जेहाद गैंग के लोग इस पोस्ट और पत्र से दूर रहें ! क्योंकि नजदीक आ भी जाओगे, तो कुछ समझ नही पाओगे….

By systemkasach

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