गोरखपुर : एक बार फिर से खबर को मैनेज करने और कराने का इनाम आखिरकार मिल ही गया । इस बार ख़बरवीरों पर दीवाली को दीपावली में तब्दील करने की होड़ मची हुई है । हाल ऐसा है कि इस बार “दलाली” दीपावली के रूप में “आई फोन” का सौगात लेकर ऐसा आई …कि चहुँओर इसकी चर्चा छा गई ! चर्चा है कि गोरखपुर प्रेस क्लब के नेताओं तक iPhone पहुँच चुका है..और अब यही “फोन कॉल” पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है । किसी ने “खबर” रोकी, तो किसी ने “नैतिकता” रोक ली
“खबर की चिता पर iPhone का दीप जला !”
गोरखपुर प्रेस क्लब के गलियारों में इस वक्त सबसे गर्म मुद्दा यही है ! कौन था वो “भाग्यशाली पत्रकार” जिसे iPhone मिला, और किसने दिया ? प्रेस क्लब के व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज उड़ रहे हैं ! बधाई देने की जगह लोग अब स्क्रीनशॉट बचा रहे हैं । हर कोई बस यही पूछ रहा है ..“किसे मिला फोन ?”और जवाब आता है….“उसे, जिसने खबर को ‘मैनेज’ किया था । “गोरखपुर प्रेस क्लब” के ग्रुप में मैसेज वायरल है ! कहीं बधाई दी जा रही है, तो कहीं तंज कसा जा रहा है…और कुछ लोग तो इतने भावुक हो गए हैं कि अब “सच्ची पत्रकारिता” को ‘Smartphone Journalism’ से रिप्लेस करने की मांग कर रहे हैं ।

स्कूटी Gifted by Criminal प्रेस का नया पाठ्यक्रम
अभी कल परसों ही “सेवई विक्रेता” का इतिहास” संजोए एक “खूंखार महालम्पट” को स्कूटी मिली थी…जिसके नंबर प्लेट पर “Gifted by Criminal” लिखा जा सकता है ।
“गोरखपुर में प्रेस नहीं, “प्रेशर क्लब” है सक्रिय”*
सब जानते हैं कि जब “हराम” का माल आता है तो संकट साथ में लाता है । चर्चा है कि इस मनहूस “आई फोन” ने भी क्लब के वरिष्ठ सदस्यों को दो गुटों में बाँट दिया हैं । वजह ये कि पहली किश्त में आये दो आई फोन “अध्या” और “उपध्या” ने लपक लिया । अब बच गए “मंतर” और “महामंतर” ! सो गुटों के बीच मनमुटाव वाज़िब है । कुल मिलाकर माहौल ऐसा है कि अब हर रिपोर्टर अपने पुराने फोन को शक की नज़रों से देख रहा है… और जिस पत्रकार के पास भी इस वक्त कुछ नया दिख जाए तो भृकुटियां अकस्मात तिरछी हो जा रही हैं…शायद उस गिफ्ट में भी किसी अपराधी या पत्रकारिता के पुण्यकर्मों का वरदान छिपा हो !
आई फोन ने प्रेस क्लब से निकाली पत्रकारिता की बारात”*
कोई बोले या न बोले, लेकिन सारा शहर जानता है कि “व्यवस्था और खबर” का यह गठजोड़ किसी पब्लिक रिलेशन से नहीं, बल्कि पर्सनल फेवर से पनप रहा है । और “हाँ ये वही लोग हैं, जो आये दिन ईमानदारी के भाषण देते हैं और पत्रकारिता के नाम पर ज्ञान “पे…ते” नजर आते हैं ….लेकिन आज गिफ्ट पैक खोलते वक्त कैमरा ऑफ कर ले रहे हैं ।”
नजरें खुली रखिये “दृष्टि” जमाये रखिये….हर उस नई चीज पर जो इस समय पत्रकारिता के हाथों में दिखाई दे….और “आईफोन” पर तो विशेष सतर्कता वाली “गिद्ध दृष्टि” जमाये रखिये……और जिनके हाथ में भी चमकता हुआ दिखाई दे जाए…. उससे पूछिये जरूर….कि यह किस खबर के सौदे की कमाई है ?

